भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल से बातचीत

Posted By Geetashree On 11:27 PM 11 comments
गीताश्री
वे कुंवारेपन में भूटान के राहुल गांधी हैं। वैसे वे कई मामले में राहुल से मिलते जुलते हैं। चाहे वह सूदूर गांवो में सामान्य लोगो के घरो में रहने खाने का मामला हो या जनता से सीधा संवाद बनाने का। वे अपने देश की युवा पीढी और बुजुर्ग पीढी के बीच सेतु हैं। तीस वर्षीय भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल ऊपर से बेहद सजीले और शांत दिखाई देते हैं। भीतर से उतने ही रोमांटिक और भावुक हैं। पूरा देश अपनी होने वाली रानी के लिए टकटकी लगाए हुए है और राजा ने जल्दी इंतजार खत्म होने का एलान कर दिया है।
पिछले दिनों राजा भारत के दौरे पर थे। मगर यह मुलाकात थिंपू के उनके राजमहल में हुई। वह भारत से गए महिला पत्रकारो के नौ सदस्यीय दल से फुरसत से मिले और तमाम सवालो के जवाब दिए। चाहे वह सवाल व्यक्तिगत हों या विकास की राह पर चलने की भूटान की अगल नीति ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस (जीएनएच) से संबंधित।

-आज दुनिया के सारे देश जीडीपी को विकास का पैमाना मानते हैं ऐसे में आपकी जीएनएच की अवधारणा कितनी कारगर साबित होगी और क्या युवा पीढ़ी इसे स्वीकार करेगी?
--अंधाधुध विकास अपने साथ बहुत सी मियां लेकर भी आता है। आर्थिक विकास से देश में पर कैपीटा इनकम बढ़ती है। बड़े बड़े उद्योग लगते हैं। भौतिक सुख सुविधाएं बढ़ जाती हैं। लेकिन सामाजिक ताना बाना, मानवीय रिश्ते , नैतिक मूल्य भी प्रभावित होते हैं। अति विकसित देशों में समाज भौतिक सुख सुविधाओं से सम्पन्न ज़रूर है लेकिन रिश्तों की गर्माहट , सच्ची खुशी के लिए लोग तरस रहे हैं। हमने विकास का ऐसा मॉडल तैयार किया है जो हमारी , संस्कृति , पर्यावरण , प्राकृतिक संसाधनों, इतिहास और बहुमूल्य धरोहर को भी अक्षुण बनाए रखेगा। देश खुशहाल हो, लोग खुशहाल हो हम ये चाहते हैं लेकिन प्रकृति से खिलवाड़ करके, पर्यावरण को प्रदूषित करके लोगों के दिल की सच्ची खुशी और चैन की कीमत पर नहीं। मुझे पूरा विश्वास है कि जीएनएच पूरी तरह सफल होगा और भूटान दुनिया के बाकी देशों के लिए विकास का आदर्श मॉडल बनेगा ।
लेकिन भूटान दुनिया के बाकी देशों के साथ कदम मिला कर कैसे चलेगा। आप की अर्थव्यवस्था किस पर निर्भर करेगी ?
--भूटान में अनेक नदियां है। भारत के साथ मिल कर बहुत सी जलविधुत परियोजनाओं पर काम चल रहा है। 2020 तक भूटान भारत को बिजली देना शुरू कर देगा। भूटान शिक्षा, स्वास्थ्य औऱ आर्गेनिक खेती को विकसित करने की योजना है। विश्वस्तर के स्कूल और यूनिवर्सिटिज खोलेंगे और हाई क्वालिटी हेल्थ सेवाएं देगा।
भारत-भूटान रिश्तो पर आपकी क्या राय है।
--हम सचमुच बेहद खुशनसीब है कि भारत हमेशा से हमारा पड़ोसी,पार्टनर और दोस्त रहा है। हमारा सदियो का साथ है। चाहे लोकतंत्र का मामला हो या आध्यात्म या फिर सभ्यता संस्कृति का।
..भूटान बहुत सुंदर देश है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। आप अपने देश के द्वार दुनियाभर के सैलानियों के लिए क्यों नहीं खोल देते । --भूटान आने वाले हर टूरिस्ट से हमारा अनुरोध है कि वो हमारे समाज , संस्कृति और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहे। हमारी सरकार का संकल्प है कि भूमंडलीकरण और आधुनिकता के दौर में प्रत्येक भूटानी नागरिक अपने आत्म सम्मान और विरासत की रक्षा कर सके। हम दुनिया को अपनी प्राचीन समृद्ध संस्कृति से परिचित कराना चाहते हैं। लेकिन हमारा जोर हाई वैल्यु , लो वोल्युम टूरिज्म पर ही रहेगा ।
भूटान में लोकतंत्र अभी कम सालो का है। मार्च 2008 में ही राजशाही से लोकतांत्रिक प्रणाली में परिवर्तन हुआ। क्या नेपाल की राजशाही के हश्र को देखते हुए तो ऐसा नहीं किया गया।
--नहीं भूटान ने सदियों से पूरे एशिया महाद्वीप में अपनी अलग पहचान रखी है। मेरे पिता और भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिग्मे बांगचुक एक निहायत दूरदर्शी व्यक्ति हैं । उन्होने जनता को सत्ता सौंपने का फैसला कर लिया था। लेकिन हमने लोकतंत्र का अपना मॉडल विकसित किया। हमारे यहां सरकार को पूरे अधिकार हैं। मीडिया पूरी तरह से स्वतंत्र है। राजशाही से लोकशाही में बहुत शांतिपूर्ण तरीके से परिवर्तन हुआ। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले कुछ बर्षों में लोकतंत्र की जड़े पूरी तरह मज़बूत हो जाएंगी, लोग इसका महत्व समझने लगेंगे और बीस साल के बाद मैं रिटायरमेंट ले लूंगा। क्यो एक जगह घेर कर रहूं।
....आप राजा ना होते तो क्या होते।
--मैं शिक्षक होता। मुझे एकेडेमिक में दिलचस्पी है और उसके प्रति मन में बहुत सम्मान है। युवाओं के साथ रहना अच्छा लगता है। वे भोलेपन के साथ बहुत मुश्किल सवाल पूछते हैं। युवा हिचकते नहीं। अधेड़ लोग जहां हिचकिचाते हैं कि पता नहीं लोग क्या सोचेंगें, वहीं युवा आपसे कोई भी सवाल पूछ सकते हैं। एकेदेमिक में हर साल नया बैच आता है, आप भी उनके साथ समझदार होते चले जाते हैं।
....आपके लिए मुश्किल वक्त कौन सा होता है।
--कोई निर्णय लेने से पहले बहुत मुश्किल मनस्थिति से गुजरता हूं।
...आप देश के सबसे चहेते कुंवारे हैं। आप शादी कब करेंगें?
--मैं ज्यादा दिन तक चहेता कुंवारा नहीं रहूंगा। जल्दी ही शादी करुंगा।
...क्या आप शाही खानदान में ही शादी करेंगें ?
--भूटान में शाही परिवार में ही विवाह करने की बाध्यता नहीं है। हम जिससे प्रेम करते हैं उसीसे विवाह कर सकते हैं। मेरी तीनों बहनों ने प्रेम विवाह किया है और तीनों के पति राजसी परिवार से नहीं हैं ।
आप के शौंक क्या हैं। अपने खाली समय में आप क्या करते हैं ?
--मैं बेहद भावुक और रोमांटिक हूं। ये बात मुझे एकाग्रचित् और जमीन से जोड़े रखने में मदद करती है। एक छोटा सा पत्थर भी मुझे रोमांचित कर देता है। मैं प्रकृति से प्रेम करता हूं। खूब पढता हूं। खूब घूमता हूं, मीलोमील साईकलिंग करता हूं। फुटबाल, बास्केटबाल खेलता हूं। ट्रेकिंग करता हूं। फोटोग्राफी का शौकीन हूं। कला में हाथ आजमाता रहता हूं। अपने बारे में लिखता रहता हूं। मैं चीजो को याद करना पसंद करता हूं।
आप भारत में रहे हैं। आपको भारतीय खाने में क्या पसंद है ।
--दिल्ली में बिताए गए वे दिन बेहतरीन थे। मुझे दक्षिण भारतीय व्यंजन बहुत पसंद आते हैं। खासकर कोकोनट में पकाए हुए। कबाब, गोलगप्पे और मिठाई में गुलाब जामुन पसंद है। बंगाली फूड में हिल्सा मछली अच्छी लगती है। मैं खुद बहुत अच्छा खाना पकाता हूं। जब मैं किसी सूदूर गांव में दौरे पर जाता हूं तो कभी कभी वहां लोगो के घरो में उनके लिए खाना पकाता हूं। उनके घरों में सो भी जाता हूं।
तब तो आप बॉलीवुड फिल्में ज़रूर देखते होंगें। हाल में कौन सी फिल्म देखी ?
--थ्री इडियटस देखी। आपके पसंदीदा हीरो, हीरोईन कौन हैं और क्यो है। कोई पसंदीदा गाना। --अमिताभ बच्चन और नई पीढी में आमिर खान और शाहरूख खान। हीरोईन में काजोल। आमिर बहुत प्रतिभाशाली एक्टर हैं। शाहरुख खान बेहतरीन इंटरटेनर हैं। मेरा प्रिय गाना है...कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है....।
आमतौर पर युवा इतने शांत ,ठहरे हुए और परिपक्व सोच के नहीं होते, आप कैसे।
--नेचर एंड नरचर । मैं आज जो भी हूं, अपने माता पिता के कारण हूं। मैं उनके पदचिन्हो पर चल रहा हूं। मेरे माता पिता ने मुझे बहुत अच्छे संस्कार दिए, मूल्यो की सीख दी कि बहुत धनवान बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण है एक अच्छा इंसान बनना। लोगों के दुख सुख बांटना उन्होने ही सिखाया। मैं चाहता हूं कि मेरे पिता आज भी मुझे सलाह दें लेकिन वे संकोच करते हैं। वह कहते हैं कि तुम अपने इतिहास और अपनी गल्तियो से सीखो, जैसे मैंने सीखा। तुम तुम हो, मैं नहीं।