0 गीताश्री 0 कबीरदास को अब तक हम सब एक संत कवि के रुप में जानते रहे हैं, लेकिन कबीर का एक नया रुप भी है. स्त्रियों को गरियाते, उनकी लानत मलामत करते कबीर... धमकाते हुए कबीर कि अगर तुमने अपनी आजादी या चुनाव या स्वेच्छा की बात सोची भी तो पीट-पीट कर नीली कर दी जाओगी...
स्त्री की सारी आजादी छीन ली क्योंकि उसका कंत बहुत गुणों वाला पहले ही घोषित कर दिया गया है. और बेगुणी, बेलच्छनी, बेशऊर स्त्री को अब उसे ही सर्वस्व मान लेना है......