मैं खुशरंग गीता।।
निर्भय निर्गुण गाने वाली गीताश्री,
पत्रकारिता के जरिए दुनिया में ताक-झांक कर लेती हूं। ब्लाग से लेकर फेसबुक तक आवाजाही करती हूं। सपने देखती हूं, सपने बुनती हूं, छोटी छोटी बातो पर खुश रहने की आदत -सी है। साहित्य की दुनिया में भी घुसपैठ बना रही हूं। सकारात्मक विचारो के उजाले से भरी गठरी साथ लिए चलती हूं..
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