tag:blogger.com,1999:blog-8183485004815148401.post7715554588730258093..comments2023-10-05T08:02:34.441-07:00Comments on नुक्कड़: लोकगीतो में स्त्रीमुक्ति का नादGeetashreehttp://www.blogger.com/profile/17828927984409716204noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8183485004815148401.post-90493118858758957832011-03-07T23:39:14.041-08:002011-03-07T23:39:14.041-08:00बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
।। महिला दिवस की शु...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।<br /><br /><br />।। महिला दिवस की शुभकामनाएं ।।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8183485004815148401.post-25105417867101018522011-02-23T07:09:51.142-08:002011-02-23T07:09:51.142-08:00वाकई लोकगीतों में लोक की बात का संरक्षण बेहद ज़रूर...वाकई लोकगीतों में लोक की बात का संरक्षण बेहद ज़रूरी है.इस ओर ध्यानाकर्षण के लिए धन्यवादshefalihttps://www.blogger.com/profile/15880549275457551395noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8183485004815148401.post-50035802683264098222011-02-17T02:47:37.457-08:002011-02-17T02:47:37.457-08:00हह्हहहः हहह्हहः मुझे हशी आरही है वंदना जी , कुछ ज्...हह्हहहः हहह्हहः मुझे हशी आरही है वंदना जी , कुछ ज्ञान की बातें आपको कहता चलूँ कि यह अनुभव रहा है कि यहाँ जो भी खुद को किसी "वाद" से जोड़ता है वो एकतरफा मानसिकता को अपना लेता है, जो नारीवादी है उसे सारे पुरुष शत्रु दिखाई पड़ते हैं, जो समाजवादी है उसे सारे अमेरिकन व उनके सहयोगी शत्रु जान पड़ते हैं और जो पूंजीवादी है उसे सारे साम्यवादी देश शत्रु दिखाई देते हैं ! और मार्क्सवादी का तो प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी)https://www.blogger.com/profile/01003828983693551057noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8183485004815148401.post-67627710427649637132011-02-13T22:21:23.716-08:002011-02-13T22:21:23.716-08:00गीता श्री जी
ये अन्दाज़ बेहद खूबसूरत है मगर इसका तब...गीता श्री जी<br />ये अन्दाज़ बेहद खूबसूरत है मगर इसका तब फ़ायदा है जब इसका सही उपयोग हो और महिलाओ की स्थिति मे फ़र्क आये…………मुझे नही लगता कोई फ़र्क आने वाला है जब तक सोच मे बदलाव ना आये ……………आज भी पढे लिखे लोग महिलाओं को फिर चाहे वो घरेलु हो , पढी लिखी हो, काम करती हो या ग्रामीण या आदिवासी अंचल से हो सिर्फ़ बच्चे पालने और घर की देखभाल करने की मशीन ही समझते हैं इससे ज्यादा और कुछ नही…………अगर विश्वास ना vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8183485004815148401.post-69421513066589511912011-02-13T21:06:27.448-08:002011-02-13T21:06:27.448-08:00आंचलिक लोकगीतों का संरक्षण जरूरी है। सराहनीय कदम।आंचलिक लोकगीतों का संरक्षण जरूरी है। सराहनीय कदम।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com